हरापुर
एक सुन्दर गाँव । हरापुर गाँव
में हरा-भरा
खेत,
छोटा-बड़ा
पेड़ और छोटे-छोटे
घर थॆ । हरापुर गाँव के जंगल
मे बहुत पशु-पक्षी
भी रहते थे । यह सुन्दर प्रदेश
मे गौरी उसके माता और पिता साथ
रहते थे ।
एक
दिन गौरी स्कूल से घर लौटते
समय एक आवाज़ आयी । गौरी ने वह
सुनी । एक सुन्दर बिल्ली । वह
बिल्ली को साथ लेकर घर चली ।
गौरी की माता ने बिल्ली को
देखा । माँ बहुत खुश हुई । उसकी
माता का नाम निर्मला । निर्मला
बिल्लियों को बहुत प्यार करती
थी । इसलिए माँ को बहुत खुशी
हुई । माँ बिल्ली को दूध देती
। गौरी विल्लीको बिस्कुट देती
। बिल्ली को बहुत खुशी हुई ।
गौरी बिल्ली को पुकारा -
पिंकी
। एक दिन गौरी उसकी सहेलियो
से कहा कि मेरे घर में एक बिल्ली
है । उसका रंग सफ़ेद है । तुम
मेरे घर आओ कल उसका जन्मदिन
है । इसलिए बिल्ली को देखने
के लिए उसकी सहेलियों घर आयीं
। गौरी उनको दावत देती । पिंकी
के जन्मदिन में वह बिल्ली को
एक उपहार देती । वह एक सोने की
माला थी । गौरी को पिंकी के
साथ बहुत प्यार थी । सभी दिन
वह पिंकी कॆ साथ नींद रहती थी
।
फिर
एक दिन गौरी का वर्षगाँठ है
। उसके पिताजी मुंबय मे काम
करते है । उसके जन्मदिन मे वे
घर आये । उसको जन्मदिन की
बधाइयाँ बोलकर,
स्वीट
देकर उसको एक उपहार दिये । वह
एक छोटा,
सफेद
बिल्ली थी । गौरी को बहुत खुशी
हुई । वह दोनों बिल्लीयों को
दूध देती ।
गौरी
दोनो बिल्लीयों के साथ खुशी
से बहुत साल रहती थी ।
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